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2. Origin and Rise of the Imperial Pratiharas of Rajasthan

by  Shanta Rani Sharma 

Hardover – 1 January 2017

The present book is the outcome of an innate urge for an exhaustive study of regional monuments involving field survey of nearly forty temples situated all over the nooks and corners of Central India. Every detail viz., the various components of the temple, decorative motifs, icons etc. have been catalogued and are being studied.

The book has six chapters, the first giving the historical background. The second chapter presents a detailed analysis of the temples bearing in mind the stipulations, textual canons of architecture and incorporates the artistic characteristics of the period.

4. History of Mandore Fort

 by Dr. Mohan Lal Gupta   

Format: Kindle Edition

जिस समय अरब में इस्लाम आकार ले रहा था, ठीक उसी समय मण्डोर दुर्ग में प्रतिहार साम्राज्य की नींव पड़ रही थी, जो आने वाली दो शताब्दियों तक भारत की रक्षा करने वाले थे। मण्डोर दुर्ग ने भारत वर्ष को एक से बढ़कर एक प्रबल प्रतापी परिहार सम्राट प्रदान किये जिनका राज्य अवंति और कन्नौज तक फैल गया। इस दुर्ग ने प्रतिहारों के साथ मिलकर इस्लाम से सीधी टक्कर ली तथा सदियों तक इस्लाम को भारत से दूर रखने में अपनी एक-एक ईंट लगा दी। पांच शताब्दियों तक मण्डोर अपने शत्रुओं को जीतता रहा और भारत माता की सेवा करता रहा। जब पन्द्रहवीं शताब्दी में राठौड़ इस दुर्ग को छोड़कर मेहरानगढ़ चले गये तो मण्डोर हताश होकर बिखर गया तथा इतिहास के नेपथ्य में चला गया। पढ़िये इस दुर्ग की अद्भुत दुर्ग की अद्भुत गाथा।

6. Gurjardesh – Itihas aur Mithakon men Ghamasan

by Virendra Singh Rathore 

Kindle Edition

यह पुस्तक गुर्जर शब्द से जुड़े इतिहास पर है। पिछले कुछ दशकों से इस शब्द के मायनों पर बहुत कुछ कहा लिखा गया है। पर उसमें तथ्यों से कहीं अधिक मिथकों का समावेश है। परिणाम स्वरूप हमारी मुख्यधारा में उत्तर भारत के आधा दर्जन क्षत्रिय वंशों व उनके महापुरुषों की उत्पत्ति को लेकर गलत दावों का प्रसार चिंताजनक स्तर तक जा पहुँचा है। इतिहास से जुड़े पहचान व धरोहर के आयामों को लेकर देश की मुख्यधारा बहुत उद्वेलित रही है। इस सब के केंद्र में ये घर्षण है कि उत्तर भारत के अनेकों अग्रणी ऐतिहासिक राजवंशों, व उनके मुख्य व्यक्तित्वों की उत्पत्ति क्या थी। जैसे – मिहिरभोज प्रतिहार, पृथ्वीराज चौहान, अनंगपाल तोमर, आदि। 

 

Research Papers

https://journals.sagepub.com/doi/10.1177/0376983612449525

Pratihāra Inscriptions